जिन्दगी कर्ब है सोज़ है रक्स है साज़ है आपकी चश्मे रौशन सा अंदाज़ है मेरे अहसास छूने लगे हैं तसव्वुर के मिज़राब को आपके क्यूं परेशान हैं? आपका राज़ भी तो मेरा राज़ है जिसके फिक़दान का लोग मातम करें आज भी मुझको इन्सानियत के इस प्यार पर नाज़ है बेगानी के तारीक साये की लरज़िश नहीं चाहिये नासाह! इन के लुत्फ व मोहब्बत का आग़ाज़ है हम बुलायें सरे बज्म एसी रिवायत नहीं ! जी हमारी नहीं आप ही की ये आवाज़ है ये जहाने फना क्यूं नज़र आ रहा दिलकश व दिलरूबा “सानी” अब से सनम के तसव्वुर का एजाज़ है | زندگی کرب ہے سوز ہے رقص ہے ساز ہے آپ کی چشم روشن سا انداز ہے میرے احساس چھونے لگے ہیں تصور کے مضراب کو آپ کے کیوں پریشان ہیں؟ آپ کا راز بھی تو میرا راز ہے جس کے فقدان کا لوگ ماتم کریں آج بھی مجھ کو انسانیت کے اسی پیار پر ناز ہے بد گمانی کے تاریک سائے کی لرزش نہیں چاہیے ناصحا! ان کے لطف و محبت کا آغاز ہے ہم بلائیں سربزم ایسی روایت نہیں! جی ہماری نہیں آپ ہی کی یہ آواز ہے یہ جہانِ فنا کیوں نظر آرہا دلکش و دلربا ثانی عکس صنم کے تصور کا اعجاز ہے |