निज़ामे मैकदा बिगड़ा हुअा है निज़ामे खानकाह इससे भी बदतर अज़ाँ बेसोज़, सजदे गैर मुखलिस सदा नाकूस की बेकैफ़ सी है इबादत में हुज़ूरी है, न लज़्जत निजाते दीदा व दिल बे-यकीन हैं तअय्युन गाम वो मंज़िल क्या करें हम शुबह है, शक है, ला-दीनी भरी हुयी है महोब्बत, अादमीयत मसावात व हुज़ूरी बुताने रंगो-बू के काफिले हैं फरेबे दहर के ये सिलसिले हैं खुलूसे दिल की नायाबी यहाँ है खुद अपनी ज़ात से बेगानगी है न शाने दिल रुबाई है न अाशिक की अदा बाक़ी तशद्दुद की हिमायत हर तरफ है अकूवत का जनाज़ा पीटते हैं सगीराने हरम हूँ या नक़ीबाने अजम हूँ वही बाज़ीगरी है सामरी सी वही अफसाना-ए-जादू सराई मगर इसपर भी ये अंदाज़ देखो तरक्कीयाफ्ता कहला रहे हैं | نظامِ میکدہ بگڑا ہوا ہے نظام خانقاہ اس سے بھی بدتر اذاں بے سوز، سجدے غیر مخلص، صدا ناقوس کی بے کیف سی ہے عبادت میں حضوری ہے ، نہ لذت نجاتِ دید و دل بے یقین ہے تعین گام و منزل کیا کریں ہم شبہ ہے ، شک ہے ، لا دینی بھری ہے محبت، آدمیت بنانِ رنگ و بو کے قافلے میں فریب دہر کے یہ سلسلے ہیں خلوصِ دل کی نایابی یہاں ہے خود اپنی ذات سے بیگانگی ہے نہ شانِ دلرُبائی ہے نہ عاشق کی ادا باقی تشدد کی حمایت ہر طرف ہے اخوت کا جنازہ پیٹتے ہیں صغیرانِ حرم ہوں یا نقیبانِ عجم ہوں وہی بازی گری ہے سامری سی وہی افسانۂ جادو سرائی مگر اس پر بھی یہ انداز دیکھو ترقی یافتہ کہلا رہے ہیں |
निज़ामे मैकदा – governance of tavern
निज़ामे खानका – governance of home
बदतर – worst
अज़ाँ बेसोज़ – the call for prayer (is) without passion
गैर मुखलिस – lacking sincerity
सदा नाकूस – the call of conch (call for prayer)
बेखौफ – without any fear (of God)
शुबह है, शक है -doubts
ला-दीनी भरी हुयी है – there is no faith in religion
मसावत – equality
हुज़ूरी – presence
फरेब – deceit
दहर – era
ज़ात – personality (of self)
तशद्दुद- violence
हिमायत- favor (here it means leaning towards violence)
अकूवत – faith
सगीराने हरम -visitors of house of God
नक़ीबाने अजम – dumb people who pray (without understanding)**
सामरी – illusion (of magic)
तरक्कीयाफ्ता – progressive
**Ajam is a somewhat derogatory word used for all non-Arabic people historically by the Arabs.