तर्क ए तअ’ल्लुक से लगता है जान से रिश्ता टूटा है जीवन की पगडंड़ी का ये मोड़ खुदाया कैसा है इन्सानों ने इन्सानों के खून से प्यास बुझाई है पैरों का तुम जख्म न देखो, कांटा तो फिर कांटा है तर्क ए तमन्ना से ये सच है यासो अलम से छूटे हम शौक का कारोबार नहीं तो खाली खाली लगता है तेज़ हवा के झोंके से आँखों में आँसू आतें हैं ग़ैरों की सौग़ात ने पूछो अपना ही कब अपना है | ترکِ تعلق سے لگتا ہے جان سے رشتہ ٹوٹا ہے جیون کی پگ ڈنڈی کا یہ موڑ خدایا کیسا ہے انسانوں نے انسانوں کے خون سے پیاس بجھائی ہے پیروں کا تم زخم نہ دیکھو کانٹا تو پھر کانٹا ہے ترکِ تمنا سے یہ سچ ہے یاس و الم سے چھوٹے ہم شوق کا کاروبار نہیں تو خالی خالی لگتا ہے تیز ہوا کے جھونکوں سے آنکھوں میں آنسو آتے ہیں غیروں کی سوغات نہ پوچھو اپنا ہی کب اپنا ہے |
तर्क ए तअल्लुक – संबंध विच्छेद, separation
तर्क ए तमन्ना – इच्छा छोडना, leaving the desire (to do anything)
यासो अलम- निराशा और दुख, disappointment and anguish
सौग़ात -उपहार, gift